हाइलाइट्स
हर साल 2 मई को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है.
अस्थमा के मरीजों को खान-पान में देना होता है विशेष ध्यान.
World Asthma Day 2023: आज यानी 2 मई को ‘विश्व अस्थमा दिवस’ मनाया जाता है. यह अस्थमा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. बता दें, मौसम में बदलाव कई तरह की बीमारियों को अपने साथ लाता है. इन्हीं बीमारियों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस भी शामिल हैं. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस दोनों श्वसन रोग हैं और दोनों के लक्षण भी लगभग एक जैसे ही होते हैं. ये दिक्कतें प्रदूषण, डस्ट और मौसम के बदलने से होती हैं. अस्थमा पीड़ित व्यक्ति को वायरल इंफेक्शन ज्यादा जल्दी होता है. जिस वजह से अस्थमेटिक ब्रोंकाइटिस होने का खतरा अधिक रहता है. ब्रोंकाइटिस वह स्थिति होती है. जिसमें पेशेंट को लगातार खांसी आती है. ये संकेत टीबी से लेकर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का भी हो सकता है. अस्थमा के लक्षणों को ब्रोंकाइटिस या फ्लू से अलग करने की आवश्यकता है क्योंकि समय पर इसकी पहचान नहीं हुई तो ये गंभीर हो सकता है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है. तो आइए सबसे पहले जानते हैं ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षणों के अंतर.
क्या होता है अस्थमेटिक ब्रोंकाइटिस
अस्थमेटिक ब्रोंकाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो वायरस, बैक्टीरिया या इंफेक्शन की वजह से होती है. जबकि अस्थमा एक पुरानी स्थिति है, जिसमें वायुमार्ग सूज जाता है और सिकुड़ जाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. जब ऐसा होता है तो वायुमार्ग छोटा हो जाता है जिस वजह से सांस लेने में मुश्किल आने लगती है. अस्थमेटिक ब्रोंकाइटिस के भी यही लक्षण होते हैं बस इसमें व्यक्ति को म्यूकस अधिक बनता है. एक्यूट और क्रोनिक दो प्रकार की ब्रोंकाइटिस होती है. इसमें अस्थमा की तरह सीने में जकड़न, कफ के साथ खांसी, येलो और ग्रीन कलर का कफ, सांस लेने में घरघराहट या सीटी की आवाज आना, थकान महसूस होना, तेज बुखार आना, लंग्स में इंफेक्शन, गले में खरास, सिरदर्द, खांसी में खून आना और मानसिक परेशानी होती है.
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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में अंतर
वैसे तो ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षण समान होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर भी होते हैं.
ब्रोंकाइटिस आमतौर पर एक वायरल संक्रमण होता है जो धुएं, धूल या रसायनों जैसे एंवॉयरमेंटल दिक्कतों के कारण होता है. ब्रोंकाइटिस के लक्षण आमतौर पर उचित उपचार के साथ कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं. वहीं, अस्थमा एक पुरानी स्थिति है जो फेफड़ों में वायुमार्ग की सूजन के कारण होती है. अस्थमा के लक्षण किसी भी समय हो सकते हैं. जबकि ब्रोंकाइटिस का एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है, अस्थमा को आमतौर पर सूजन को नियंत्रित करने और लक्षणों को रोकने के लिए दीर्घकालिक दवा के साथ प्रबंधित किया जाता है.
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इनसे निजात पाने के उपाय
ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से निजात पाने के लिए धुएं और प्रदूषण जैसे एंवॉयरमेंटल दिक्कतों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. इसके साथ वायुमार्ग में बलगम को ढीला करने में मदद करने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है. अस्थमा की रोकथाम के लिए धूल, पराग, और पालतू पशुओं की रूसी जैसे ट्रिगर्स से बचने की आवश्यकता होती है. इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव जैसे नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार भी फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करने और श्वसन समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 02, 2023, 14:14 IST