हाइलाइट्स
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का सही कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कई कारक इसके लिए जिम्मेदार होते हैं.
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या कमजोरी हो सकती है.
What is Autoimmune Disorders: सेहतमंद और निरोगी रहने के लिए इम्यून सिस्टम का काफी महत्त्व है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इम्यून सिस्टम हमारे शरीर को कई रोगों से बचाता है. बॉडी को रोगों से लड़ने में मदद करता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे. वह अच्छे से अपना काम करे. जब यह सही तरीके से काम करना बंद कर देता है तो कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. इम्यून सिस्टम के खराब होने से कई तरह के इम्यूनिटी संबंधी विकार पैदा हो जाते हैं, जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर. इम्यून सिस्टम अगर ज़रूरत से कम या ज़रूरत से ज़्यादा काम करे तो यह हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में हमारा इम्यून सिस्टम यह निर्णय कर पाने में असक्षम होता है कि कौन सा टिश्यू लाभदायक है और कौन सा एंटीजेन हानिकारक है. इस वजह से लाभदायक टिश्यू भी नष्ट हो जाते हैं. बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कन्सलटेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. विवेक पाल सिंह से जानते हैं क्या है ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, इसके लक्षण, कारण और इलाज.
ऑटोइम्यून रोग के कारण
डॉ. विवेक पाल सिंह कहते हैं कि इस डिसऑर्डर का सही कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कई कारक इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
• परिवार के किसी सदस्य का ऑटोइम्यून रोग से पीड़ित होना. यह रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरण करता है. अतः एक ही परिवार के कई सदस्यों को ऑटोइम्यून रोग हो सकते हैं.
• कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स जैसे ब्लड प्रेशर की दवाइयां, स्टेटिन, एंटीबायोटिक्स व अन्य दवाइयों के करण भी ऑटोइम्यून रोग हो सकता है. डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए.
• धूम्रपान करने वालों को इस रोग का बहुत अधिक खतरा रहता है.
• मोटापा भी इस रोग को पैदा कर सकता है.
• अगर किसी को पहले से कोई ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, तो ऐसे ही अन्य डिसऑर्डर के पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है.
• पर्यावरण प्रदूषण संबंधी कारक जैसे विषैले पदार्थों को किसी न किसी रूप में ग्रहण करना, जो इस रोग की संभावना को बढ़ा देता है.
• महिलाओं को होता है अधिक खतरा. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से महलाओं को अधिक खतरा है. लगभग 80% रोगी महिलाएं हैं.
• किसी तरह का संक्रमण भी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का कारण हो सकता है.
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ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण
डॉ. सिंह कहते हैं कि जब हम इम्यून सिस्टम के विकार के बारे में बात करते हैं, तब यह सिर्फ एक अंग से नहीं जुड़ा होता. उदाहरण के लिए अगर आपको कार्डियक डिजीज है तो इसके लक्षण कार्डियक होंगे. अगर आपको लिवर की बीमारी है तो लक्षण लिवर से जुड़े होंगे. ऑटोइम्यून बीमारी के कारण शरीर के कई भागों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे-
• मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या कमजोरी होना
• पेट में दर्द, मल में रक्त या बलगम आना, दस्त
• बुखार होना
• बालों का झड़ना
• त्वचा पर या मुंह के अंदर सफेद धब्बे
• वजन कम होना
• अनिद्रा
• पैरों या हाथों में झुनझुनी और सुन्नता
• जी मिचलाना
• चकत्ते और खुजली
• चक्कर आना
• थकान महसूस करना
• छाती में दर्द होना
• तेज या अनियमित दिल की धड़कन
• धुंधली नज़र
• ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
• मुंह, आंखें या त्वचा का ड्राई होना इत्यादि.
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का निदान या इलाज
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का अभी तक कोई उपयुक्त इलाज मौजूद नहीं है. हालांकि, इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त कर आप इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं. हर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली, आनुवंशिकी, समस्या और लक्षण भिन्न हो सकते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें. उनके सलाह का पालन करें. खुद इलाज की सलाह बिल्कुल नहीं दी जाती है. विशेषज्ञ डॉक्टर ही इसका सही निदान कर सकते हैं. आपकी स्थिति और परेशानी को देखते हुए डॉक्टर आपको दर्द की दवाएं, इंसुलिन इंजेक्शन या अन्य सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही जीवनशैली व खानपान में कुछ बदलाव, सप्लीमेंट्स और कुछ खास एक्सरसाइज नियमत रूप से करने की सलाह भी दे सकते हैं. आपको अपने डॉक्टर के सभी सुझावों का पालन करना चाहिए.
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Tags: Health, Immunity, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 07, 2023, 16:28 IST