संयुक्त राष्ट्र: दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष का सबसे प्रतिकूल असर बच्चों पर पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल यानी 2022 में इन संघर्षों के दौरान बच्चों को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे अधिक सामना करना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने कहा कि इजराइल और फलस्तीन तथा कांगो एवं सोमालिया में संघर्षों में सबसे अधिक बच्चे परेशान रहे. यूनिसेफ ने हैती, नाइजीरिया, इथियोपिया, मोजांबिक और यूक्रेन में भी बच्चों की दुर्दशा को लेकर चिंता जताई. यूक्रेन में हमले के लिए जिम्मेदार रूस को संयुक्त राष्ट्र ने काली सूची में डाल रखा है.
गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन में लड़ाकों द्वारा बच्चों की भर्ती करना, उनका इस्तेमाल करना, बच्चों की हत्या, उन्हें चोटिल करना, यौन उत्पीड़न, अपहरण और स्कूलों एवं अस्पतालों पर हमले आदि शामिल हैं. यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि 2022 में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे अधिक करीब 27,000 मामले आए जबकि एक साल पहले 24,000 मामले सामने आए थे. 2022 के मामले 2005 में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी रिपोर्ट के शुरू होने के बाद से पुष्टि किए गए सबसे अधिक मामले हैं. संघर्ष के दौरान ‘‘चिंताजनक’’ स्थितियों की संख्या भी सबसे अधिक 26 है.
आब्दी ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद सूडान में गंभीर संघर्ष छिड़ गया, जहां हिंसक संघर्ष से 10 लाख से अधिक बच्चे विस्थापित हुए हैं और संयुक्त राष्ट्र को सैकड़ों लोगों के मारे जाने और हताहत होने की सूचना है. उन्होंने यह भी कहा कि यूनिसेफ को आशंका है कि हाल की हिंसा में वृद्धि के कारण फलस्तीनी बच्चे प्रभावित होंगे.
यूनिसेफ अधिकारी ने कहा कि सरकार और संघर्ष में शामिल पक्ष बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं तथा इस संबंध में ‘‘सार्थक और स्पष्ट कार्रवाई’’ की आवश्यकता है. पिछले महीने के अंत में परिषद की वार्षिक रिपोर्ट में महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संघर्ष के दौरान बच्चों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और यूक्रेन में लड़कों और लड़कियों की हत्या तथा स्कूलों एवं अस्पतालों पर हमला करने के आरोप में रूसी सुरक्षा बलों को संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक काली सूची में डाल दिया.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ‘‘बच्चों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित उपायों के साथ व्यवहारिक कदमों की पहचान करने’’ का स्वागत करते हुए 1,139 फलस्तीनी बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों के लिए इजराइल को काली सूची में नहीं डाला. इस संख्या में 54 हत्याएं भी शामिल हैं.
(इनपुट भाषा)
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FIRST PUBLISHED : July 06, 2023, 17:41 IST