Invention Of The Internet: सोचिए अगर इंटरनेट न होता तो क्या आप किसी सवाल का जवाब पाने, खरीदारी करने, गेम खेलने, लोगों से बात करने, फिल्म देखने और न जाने कितनी चीजों का फायदा उठाने में सक्षम थे? आखिर लोगों को ग्लोबली कनेक्ट करने का इतना बड़ा काम किसने किया और कब हुआ? दिलचस्प बात यह है कि इंटरनेट का आविष्कार एक लंबी प्रक्रिया थी. कौन था वह इंसान जिसने वायरलेस नेटवर्क के बारे में सोचा और पूरी दुनिया को ग्लोबली कनेक्ट कर दिया. आज हम सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे…
इंटरनेट के निर्माण में कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का काम शामिल था, जिन लोगों ने इसे बनाने के लिए काम किया उनमें से कई लोगों ने इसे बनाने की तकनीक का आविष्कार होने से बहुत पहले ही इंटरनेट का सपना देखा था. 1900 के दशक की शुरुआत में आविष्कारक निकोला टेस्ला ने “विश्व वायरलेस सिस्टम” के बारे में सोचा था. निकोला टेस्ला, उन शुरुआती आविष्कारकों में से एक हैं जिन्होंने इंटरनेट जैसी तकनीक की कल्पना की थी. हां, इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है. जोसेफ कार्ल रॉबनेट लिक्लाइडर संचार के लिए कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग करने का दृष्टिकोण लेकर आए. इससे पहले, कंप्यूटर का उपयोग बड़े पैमाने पर गणितीय उपकरणों के रूप में किया जाता था.
सबसे पहले आया ‘पैकेट स्विचिंग’
कुछ ही समय बाद, कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक डेटा संचारित करने की एक विधि बनाई जिसे “पैकेट स्विचिंग” कहा जाता है. एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क (ARPANET) ने एक ही नेटवर्क पर कई कंप्यूटरों को जोड़ने के लिए पैकेट स्विचिंग का उपयोग किया. ARPANET के साथ कई कंप्यूटर एक ही नेटवर्क पर एक दूसरे के साथ संचार करने में सक्षम थे.
इंटरनेट पर पहला संदेश
ARPANET ने अपना पहला संदेश 29 अक्टूबर, 1969 को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एंजिल्स में स्थित एक कंप्यूटर से स्टैनफोर्ड में स्थित दूसरे कंप्यूटर पर भेजा था. यह संदेश ‘LOGIN’ था. लेकिन इसने नेटवर्क को क्रैश कर दिया और संस्थान को केवल “LO” प्राप्त हुआ.
1970 के दशक में, रॉबर्ट काह्न और विंट सेर्फ़ नाम के दो ARPANET शोधकर्ताओं ने इसके समाधान पर काम करना शुरू किया. दोनों वैज्ञानिकों ने एक ऐसी भाषा बनाई जिसे नेटवर्क साझा कर सकते थे, जो कंप्यूटरों को एक-दूसरे से बात करने की अनुमति देती थी. यह ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल और इंटरनेट प्रोटोकॉल के रूप में जाना गया. ARPANET ने इसे 1 जनवरी 1983 को अपनाया और मॉडर्न इंटरनेट का जन्म हुआ.
किसे माना जाता है इंटरनेट का आविष्कारक?
इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता. क्योंकि इसमें कई इंजीनियरों, प्रोग्रामर और वैज्ञानिकों का काम था. जबकि आधुनिक इंटरनेट काह्न और विंटन द्वारा विकसित ARPANET के अपनाने वाले संचार मॉडल से विकसित किया गया था, यह वर्ल्ड वाइड वेब से अलग है.
इंटरनेट पर पहला सफल कम्युनिकेशन टिम बर्न्स ली ने किया था. टिम कम्प्यूटर साइंटिस्ट थे. उन्होंने ही 1991 में वर्ल्ड वाइट वेब (WWW) बनाया. विकिपीडिया के मुताबिक, मार्च 1989 में टिम ने इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम का प्रपोजल तैयार किया. इस तरह पहली बार इंटरनेट पर HTTP (हाईपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) क्लाइंट और सर्वर के द्वारा संचार संभव हुआ. टिम ने स्विट्जरलैंड में यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन (CERN) में नौकरी के दौरान कंप्यूटर प्रोग्राम- HTML, URL और HTTP का आविष्कार किया.
Inside Story : भारत में कैसे आया इंटरनेट, कैसा रहा सफर?
WWW, जिसे आज ज्यादातर लोग इंटरनेट के रूप में पहचानते हैं और यह यूजर्स को हाइपरटेक्स्ट के माध्यम से इंटरनेट पर अन्य पेजों से जुड़ने की अनुमति देता है. वर्ल्ड वाइड वेब का उपयोग अक्सर इंटरनेट के संदर्भ में गलत तरीके से किया जाता है, जबकि यह वास्तव में वेबसाइटों के माध्यम से इंटरनेट पर जानकारी तक पहुंचने का एक सामान्य तरीका है. हिस्ट्री डॉट कॉम के अनुसार, वर्ल्ड वाइड वेब ने इंटरनेट को और अधिक लोकप्रिय बनाने में मदद की.
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FIRST PUBLISHED : August 15, 2023, 10:14 IST