वित्त मंत्री कैलाश गहलोत
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दिल्ली की हवा में पीएम-10 की मौजूदगी आठ वर्षों में कम हुई है। 2014 में यह आंकड़ा 324 से घटकर 2022 में 223 पीपीएम के स्तर पर है। दिल्ली की हवा में पीएम-2.5 की मौजूदगी भी इस दौरान 149 से घटकर 103 पीपीएम हो गई है। दोनों के स्तर में 30 फीसदी से अधिक की कमी आई है। आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि 2014 की तुलना में दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर भी 30 फीसदी कम हुआ है।
बजट प्रस्ताव के दौरान गंभीर वायु गुणवत्ता में कमी का भी जिक्र आया। 2016 में 26 दिन एक्यूआई गंभीर स्तर पर, जबकि 2022 में यह घटकर मात्र छह दिन रह गया। इस अवधि में अच्छी और मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। यह 109 से बढ़कर 163 दिन हो गए हैं।
प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र में दूसरे महानगरों से दिल्ली आगे
वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए शुरू अभियान का प्रदूषण कम करने में अहम योगदान रहा है। वर्तमान में दिल्ली में प्रति व्यक्ति फाॅरेस्ट कवर (वन क्षेत्र) 11.6 वर्ग मीटर है। यह देश के सभी महानगरों से अधिक है। दिल्ली की तुलना में हैदराबाद का प्रति व्यक्ति फाॅरेस्ट कवर 10.6, बेंगलुरु 10.4, मुंबई 6.0, चेन्नई 2.6 और कोलकाता 0.1 वर्ग मीटर है। यह सरकार के निरंतर, एकाग्र और कड़ी मेहनत का परिणाम है। पिछले साल सरकार ने 15 सूत्रीय शीतकालीन कार्ययोजना तैयार की थी।