सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय
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भारतीय सेना की मैकेनाइज फोर्स नाइट फाइटिंग सिस्टम से लैस हो रही है। आर्टिलरी की मारक क्षमता अधिक दूरी तक बढ़ाई जा रही है। आर्मी एयर डिफेंस, मिसाइल और मॉडर्न फायर कंट्रोल सिस्टम को भी मजबूत किया जा रहा है। मिलिट्री वाहनों को अधिक आयुध ले जाने में सक्षम बनाया जा रहा है। इंजीनियरिंग कोर को नए पुल बनाने और अर्थ मूविंग इक्विपमेंट बनाने के लिए प्राथमिकता दी गई है। सिग्नल कोर को बेहतर कम्युनिकेशन और युद्ध के मैदान में सक्षम ड्रोन तैयार करने का टास्क दिया गया है।
दिल्ली छावनी में मानेकशॉ सभागार में आयोजित किए गए दो दिवसीय डेफ एक्स टेक इंडिया के दूसरे दिन यहां पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डेय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए पॉलिसी तैयार की है। मार्केट और डोमेस्टिक सिविल डिफेंस इंडस्ट्री सेना के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जनरल पाण्डेय ने कहा कि भारतीय सेना आधुनिक युद्ध शैली के लिए तैयार है। आने वाले समय में युद्ध के मैदान में इसकी कार्यशैली और संसाधनों में यह बदलाव नजर आएगा। इनफेंट्री और हमारे सिपाही दोनों नई तकनीक से लैस होंगे। इनके पास छोटे व अत्याधुनिक हथियार, फायर पावर, सर्विलांस सिस्टम से लैस मिनी व माइक्रो यूएवी होंगे। सैनिकों की सुरक्षा को बढ़ाने पर हमारा विशेष जोर है।
जनरल मनोज पाण्डेय ने कहा कि हमारे पास जंगल, रेगिस्तान, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र से लैस हजारों किलोमीटर लंबी अस्थिर सीमा है। चौबीस घंटे यहां होने वाली गतिविधियों पर निगरानी रखने और देश में शांति बनाए रखने के लिए रणनीतिक तरीके से घुसपैठ को रोकना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए बॉर्डर सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियार, उपकरण और लॉजिस्टिक्स (सैन्य तंत्र) हमारी जरूरत है। बिना अत्याधुनिक आयुध प्रणाली के काम नहीं चलेगा।
जनरल पाण्डेय ने कहा कि हम इनके लिए दूसरे देशों के भरोसे अब नहीं रह सकते। इसलिए हमने वार फाइटिंग सिस्टम के लिए नया रोडमैप तैयार किया है। इसके पांच महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इसमें से अत्याधुनिकता और तकनीक दो सबसे महत्वपूर्ण हैं। इनमें से अधिकतर प्रोजेक्ट पर काम चालू हो चुका है। भारतीय सेना भविष्य में तकनीकी रूप से प्रभावी तरीके से काम करेगी।