नई दिल्ली. हाल के दिनों में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई ने अमेरिका का दौरा किया. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की तरफ से इसे लेकर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए रूस की धरती से अमेरिका और ताइवान को चेतावनी दी गई है. उन्होंने कहा कि यह दोनों देश आग से खेलने का प्रयास कर रहे हैं. चीन ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताता रहा है. वहीं, ताइवान का मानना है कि वो एक आजाद मुल्क है. इस मुद्दे पर चीन पहले भी कई मौकों पर तल्ख तेवर दिखाता रहा है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने चीन के रक्षा मंत्रालय ली के हवाले से लिखा, ‘चीन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका ताइवान का उपयोग कर रहा है. निश्चित रूप से वो इसमें विफल रहेंगे और ये ऐसे ही समाप्त हो जाएगा.’ मास्को कांफ्रेंस ऑन इंटरनेशनल सिक्योरिटी में ली ने गीदड़ भभकी देते हुए दोहराया कि ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से जोड़ना अनिवार्य है और इसे रोका नहीं जा सकता.
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ली शांगफू ने कहा, ‘ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है. इसमें किसी बाहरी की कोई भूमिका नहीं है. ताइवान का चीन में एकीकरण होना अनिवार्य रूप से एक ऐतिहासिक ट्रेंड है. ताइवान के मसले पर आग से खेलने का प्रयास किया जा रहा है. ताइवान के माध्यम से चीन को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो बिना किसी संदेह के विफल हो जाएगा.’
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान के मसले पर चीन का यह रुख कोई नया नहीं है. वो पहले भी इस तरह के बयान देता रहा है. हालांकि इस बार जिस मौके पर यह बयान दिया गया है वो काफी अहम हो जाता है. खासतौर पर ऐसे वक्त पर जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 07:55 IST